दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने Monday यानी 1 April को दिल्ली के Chief Minister Arvind Kejriwal को अब खत्म हो चुकी आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। Kejriwal की ईडी की रिमांड Monday को खत्म हो गई थी। कोर्ट के आदेश के बाद आप नेताओं और समर्थकों के भारी विरोध के बीच Arvind Kejriwal को तिहाड़ जेल ले जाया गया।
पहली बार हुआ है कि Chief Minister के पद पर रहते हुए उन पर एक घोटाले में लिप्त होने का आरोप लगा है और वे एक बंदी के रूप में तिहाड़ पहुंचे। Monday दिन में जब जेलकर्मियों को पता चला कि Chief Minister एक बंदी के तौर पर तिहाड़ पहुंच रहे हैं तो सभी पुरानी यादों को टटोलने में जुट गए।
पूर्व में Kejriwal कितनी बार जेल एकबंदी के तौर पर आए और किस जेल में रहे, इसे लेकर लोग बातें करने लगें। जेलकर्मियों का कहना था कि Arvind Kejriwal पूर्व में दो बार बंदी के रूप में आए जरूर, लेकिन तब उनकी छवि एक आंदोलनकारी एक नेता के रूप में थी, लेकिन इस बार दूसरी बात है
वर्ष 2011 में अन्ना के साथ पहुंचे थे जेल
वर्ष 2011 में जब लोकपाल की मांग को लेकर अन्ना हजारे आंदोलन कर रहे थे, तब Arvind Kejriwal इस आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा थे। तब धारा 144 का उल्लंघन नहीं करने से जुड़े पर्सनल बांड पर हस्ताक्षर नहीं करने के बाद अन्ना व उनके सहयोगियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था।
अन्ना के साथ जेल पहुंचे उनके सहयोगियों में Arvind Kejriwal भी थे। तब इस गिरफ्तारी के विरोध में बड़ी संख्या में अन्ना समर्थक जेल के बाहर जुटे थे। सुबह से शाम तक जेल के बाहर समर्थकों का तांता लगा रहता था।
वर्ष 2014 में गडकरी के मानहानि मामले में पहुंचे थे जेल
Arvind Kejriwal दूसरी बार BJP नेता Nitin Gadkari द्वारा दायर मानहानि से जुड़े मामले में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ पहुंचे थे। तब Aam Aadmi Party का गठन हो चुका था और Kejriwal इसके मुखिया थे। इन्हें जेल संख्या चार में रखा गया था।
जेल के आसपास स्थित कालोनियों में रहने वाले लोगों को पता चला कि Arvind Kejriwal तिहाड़ आए हैं, तो बड़ी भीड़ जेल संख्या चार के पास एकत्र हो गई थी। तब Kejriwal के पास वैगनआर कार थी।
Kejriwal के जेल पहुंचने के बाद वकील के साथ जब इनकी पत्नी Sunita Kejriwal वैगनआर कार से पहुंचीं तब बड़ी संख्या में लोग इन्हें देखने के लिए जुटे थे।